UP में 3 पाकिस्तान बनाने की नींव रखी जा रही है, क्यों भड़के शंकराचार्य निश्चलानंद

Webdunia
शनिवार, 6 जनवरी 2024 (15:25 IST)
  • क्यों नाराज हैं पुरी पीठ के शंकराचार्य
  • मोदी और योगी पर साधा निशाना
  • शंकराचार्य नहीं जाएंगे अयोध्या
Shankaracharya Swami Nischalananda Saraswati News: गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री और यूपी के सीएम पर जमकर बरसे। 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से उन्होंने इनकार किया। साथ ही मोदी-योगी द्वारा उत्तरप्रदेश में तीन पाकिस्तान बनाने की बात भी कही।
 
शंकराचार्य ने कहा कि भारत में पहले एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद (ताज-उल-मस्जिद, भोपाल) मौजूद है। अब अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर विश्व स्तरीय मस्जिद बनाने की तैयारी की जा रही है। फिर मथुरा और काशी में भी इसी तरह की मस्जिदें दैयार होंगी। उन्होंने कहा कि भले ही अभी मोदी और योगी खुश हो रहे हों, लेकिन कालांतर में 3 नए पाकिस्तान की नींव डाली जा रही है। शंकराचार्य ने अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रही राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को भी चुनावी हथकंडा बताया। 
 
उन्होंने कहा कि अयोध्या में लंबे अरसे बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, यह अच्छी बात है। लेकिन, इसमें जल्दबाजी क्यों की जा रही है? शंकराचार्य ने कहा कि अभी मंदिर निर्माण का कार्य पूरा होने में डेढ़ साल से अधिक का समय है। उन्होंने कहा कि बरसों से उलझा हुआ मामला सुलझ गया है, लेकिन यह सिद्ध हो गया है कि शास्त्रीय विधि से प्राण प्रतिष्ठा नहीं होगी।
 
समाज को बांट रहे हैं नेता : शंकराचार्य ने सभी पार्टियों के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। पहले उन्होंने सवर्ण और असवर्ण के रूप में बांटा, श्रमजीवी और बुद्धिजीवी के रूप में बांटा। अब आदिवासी के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। असल में नेता जनता को मूर्ख बनाकर राज करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमण सिंह के कार्यकाल में धर्मांतरण को बढ़ावा दिया गया था। 
 
इससे पहले शंकराचार्य ने मध्य प्रदेश के रतलाम में कहा था कि मैं अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाऊंगा। उन्होंने कहा था- मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे और मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या?
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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