गंगा की सफाई पर करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च

गुरुवार, 3 अगस्त 2017 (18:01 IST)
नई दिल्ली। प्रदूषणग्रस्त जीवनदायिनी गंगा की सफाई पर 2014 से 2017 तक तकरीबन  2,000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं लेकिन इसके तट पर स्थित शहरों से प्रतिदिन  नदी में गिरने वाले 3 अरब लीटर से ज्यादा सीवेज में से मात्र 131.5 करोड़ लीटर की  शोधन क्षमता वाले संयंत्र लग पाए हैं।
 
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान ने गुरुवार  को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि गंगा की मुख्य धारा के किनारों पर  स्थित शहरों से रोजाना 307.8 करोड़ लीटर सीवेज गंगा में गिरता है जबकि अभी 131.5  करोड़ लीटर सीवेज की शोधन क्षमता वाले संयंत्र लगाए गए हैं। मंत्री ने बताया कि 107.5  करोड़ लीटर की अतिरिक्त शोधन क्षमता वाले संयंत्र की परियोजना को मंजूरी दी जा चुकी  है और वे क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। 
 
उन्होंने बताया कि 'नमामि गंगे' परियोजना के तहत वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक  3,633 करोड़ रुपए आवंटित किए गए जिनमें से 1941.86 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके  हैं। 
 
बालियान ने स्वीकार किया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने एक मामले की सुनवाई के  दौरान गंगा की सफाई के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की दक्षता  पर प्रतिकूल टिप्पणी की है। (वार्ता) 

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