इस पुस्तिका में कहा गया कि अकबर ने धार्मिक भेदभाव से निपटने के लिए सुल्ह-ए-कुली अर्थात वैश्विक शांति का सिद्धांत पेश किया। सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण के लिए उन्होंने एक नए समन्वयपूर्ण धर्म दीन-ए-इलाही की परिकल्पना पेश की। उन्होंने इबादतखाना (प्रार्थना का स्थान) की भी स्थापना की, जहां विभिन्न संप्रदाय के बुद्धिमान लोग मिलते थे और चर्चा करते थे।'G20 Magazine :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) September 13, 2023
Government hails Mughal emperor Akbar as proponent of peace and democracy !
One face :
For the world
Another :
For India that is Bharat !
Please inform us about the real mann ki baat !