नई दिल्ली। सरकार ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के साथ-साथ डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर लगाए जाने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की है। कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदला जाता है।
सरकार की ओर से 15 दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि ऑइल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को 4,900 रुपए प्रति टन से घटाकर 1,700 रुपए प्रति टन कर दिया गया है। कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदला जाता है।
सरकार ने डीजल के निर्यात पर भी कर 8 रुपए से घटाकर 5 रुपए प्रति लीटर कर दिया है। इसी तरह एटीएफ के निर्यात पर इसे 5 रुपए से घटाकर 1.5 रुपए प्रति लीटर किया गया है। कर की नई दरें 16 दिसंबर से प्रभावी हैं। नवंबर से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
भारत ने पहली बार 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही यह उन कुछ देशों में शामिल हो गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के अत्यधिक लाभ पर कर वसूलते हैं। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपए प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपए प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था।
पेट्रोल पर निर्यात कर को समाप्त कर दिया गया है। कच्चे तेल की पिछले 2 सप्ताह की औसत कीमत के आधार पर कर दरों की प्रत्एक पखवाड़े समीक्षा की जाती है। दिसंबर में भारत का कच्चे तेल के आयात का औसत मूल्य 77.79 डॉलर प्रति बैरल रहा है। यह नवंबर में 87.55 डॉलर प्रति बैरल और अक्टूबर में 91.70 डॉलर प्रति बैरल था।(भाषा)