नई दिल्ली। केंद्र सरकार राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) के लक्ष्य को पाने के लिए इस वित्त वर्ष के अंत तक भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) से करीब 30 हजार करोड़ रुपए के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। राजस्व संग्रह में कमी तथा कॉर्पोरेट करों में कटौती के कारण सरकार के वित्त संसाधनों पर दबाव है।
आरबीआई 2013-14 के बाद से अपनी डिस्पोजेबल इंकम (खर्च करने लायक फंड) का 99 प्रतिशत सरकार को देता आ रहा है। जहां तक डिविडेंड का सवाल है तो 2018-19 के लिए 1,23,414 करोड़ रुपए में से 28,000 करोड़ रुपए मार्च में ही अंतरिम डिविडेंड के तौर पर सरकार को दिए जा चुके हैं। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान सरकार को 95,414 करोड़ रुपए लाभांश मिलना तय है। यह 1.76 लाख करोड़ के सरप्लस फंड के अलावा होगा।