मुंबई। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान देश में बैंक फ्रॉड के 6801 मामले सामने आए। इनमें 74% बढ़ोतरी हुई। फर्जीवाड़े की राशि 71,543 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में 5916 मामले दर्ज किए गए थे, इनमें 41,167.04 करोड़ रुपए तक का फर्जीवाड़ा हुआ था। रिजर्व बैंक ने सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिजर्व बैंक की गुरुवार को जारी 2018- 19 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, 'समस्या का जल्द पता चलने, उसको दुरुस्त करने और उसका समाधान करने के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2018-19 में सकल एनपीए अनुपात घटकर 9.1 प्रतिशत रह गया है जो वित्तवर्ष 2017-18 में 11.2 प्रतिशत था।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआती कठिनाइयों के बाद दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता पूरा माहौल बदलने वाला कदम साबित हो रही है। इसमें कहा गया है कि पुराने फंसे कर्ज की प्राप्तियों में सुधार आ रहा है और इसके परिणामस्वरूप, संभावित निवेश चक्र में जो स्थिरता बनी हुई थी उसमें सुगमता आने लगी है।