नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के 4 साल पूरे होने के मौके पर वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए, कर की दरों में कटौती हुई और करदाताओं की संख्या बढ़ी है।
पूरे देश में एक राष्ट्रव्यापी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 स्थानीय कर समाहित थे। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है और जीएसटी परिषद ने कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर कई राहत उपायों की सिफारिश भी की है।
मंत्रालय ने कहा, आरएनआर समिति द्वारा अनुशंसित राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत थी। इसकी तुलना में आरबीआई के अनुसार वर्तमान में भारित जीएसटी दर केवल 11.6 प्रतिशत है। मंत्रालय ने आगे कहा कि जीएसटी ने जटिल अप्रत्यक्ष कर ढांचे को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी संचालित कर व्यवस्था में बदल दिया है और इस तरह भारत को एक बाजार में एकजुट किया है।(भाषा)