अहमदाबाद। गुजरात में राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा जब शरद पवार की पार्टी के एक विधायक ने दावा किया कि दोनों विधायकों को भाजपा के प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है।
इस चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव और प्रभावशाली नेता अहमद पटेल समेत अन्य के भविष्य का फैसला होना है। अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 मत चाहिए। उनकी पार्टी के पास वर्तमान में 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
इनमें से कोई भी अगर क्रॉस वोटिंग नहीं करता है या ‘उपयुक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) विकल्प का प्रयोग नहीं करता है, उस स्थिति में भी कांग्रेस को पटेल की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त मत की जरूरत होगी।
गुजरात में करीब दो दशक के बाद राज्यसभा का चुनाव हो रहा है। यहां से बड़े दलों के अधिकृत प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाते थे लेकिन इस बार भाजपा ने पांचवें कार्यकाल के लिए किस्मत आजमा रहे पटेल के सामने अपने उम्मीदवार को उतार दिया है।
सत्तारूढ़ भाजपा ने यहां तीन राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उतारा है। राजपूत हाल तक सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे।
शाह और ईरानी का उच्च सदन में पहुंचना तय माना जा रहा है लेकिन राजपूत को जिताने और पटेल को हराने के लिए भाजपा को अतिरिक्त वोट हासिल करने होंगे।
पटेल ने दावा किया कि राकांपा के दो विधायक उन्हें वोट देंगे, लेकिन शरद पवार की पार्टी के एक विधायक ने दावा किया कि दोनों विधायकों को भाजपा के प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है।
इस मुद्दे पर राकांपा बंटी हुई दिखी। पवार की बेटी और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देगी।
राकांपा विधायक कंधाल जडेजा ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि वह और एक और पार्टी विधायक जयंत पटेल से राजपूत के समर्थन में वोट देने को कहा गया है।
हालांकि जब सुप्रिया सूले से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने टेक्स्ट मैसेज के जवाब में कहा, 'मुझे जो जानकारी है वे कांग्रेस को वोट देंगे।'
करीब डेढ़ दशक से अधिक समय से राज्य की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस हाल ही में पार्टी के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने से स्तब्ध रह गई थी।
इसके बाद राजपूत समेत छह विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा देकर कांग्रेस को और झटका दे दिया। इनमें से तीन विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए। राजपूत, वाघेला के रिश्तेदार हैं।