Gyanvapi case : इलाहबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित व्यास जी का तहखाने में हिंदुओं को पूजा अर्चना की अनुमति देने के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया की अपील पर सुनवाई 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। तब तक व्यास के तहखाने में पूजा जारी रहेगी।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति संबंधी वाराणसी की अदालत के 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ पिछले शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने इस मामले में सुनवाई के बाद सुनवाई 12 फरवरी के लिए टाल दी। अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
क्या है व्यास जी का तहखाना : दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भगवान नंदी हैं। नंदी जी के सामने व्यास जी का तहखाना है। इसी जगह साल 1993 तक हिंदू पक्ष के लोग पूजा-अर्चना करते थे। विवाद के चलते नवंबर 1993 में राज्य सरकार ने पूजा बंद करवा दी थी। उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी। पिछले 31 सालों से इसमें किसी को जाने की अनुमति नहीं है। हाल ही में कोर्ट के निर्देश के बाद एएसआई ने यहां सर्वे किया था। इस सर्वे रिपोर्ट के बाद ही व्यास के तहखाने में अदालत ने पूजा की अनुमति दी है।
2 चरणों में बनी मस्जिद : सर्वे रिपोर्ट के बाद व्यास के तहखाने में साफ-सफाई की गई है। एएसआई ने यह रिपोर्ट अदालत के समक्ष जमा करवाई है। जानकारी के अनुसार इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि यहां पुराने ढांचे के ऊपर ही मस्जिद को बनाया गया है। दावा किया जा रहा है कि इस मस्जिद को 2 चरणों में बनाया गया है। जिसमें पहले पश्चिमी दिशा में गुंबद और मीनार बने। फिर आगे का निर्माण किया गया।