अराजकता का माहौल है, हर तरफ अजान v/s हनुमान चालीसा का शोर है। महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश तक लाउडस्पीकर पर विवाद मचा हुआ है। ऐसे में अगर हिंदू मुस्लिम के बीच सांप्रदायिक सौहार्द के ऐसे दृश्य देखने को मिल जाए जो न सिर्फ आपके दिल को बल्कि आत्मा को छू जाए तो सारी बहस और विवाद निर्रथक महसूस होते हैं।
ट्विटर पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आपको महसूस होगा कि हम जिन मुद्दों को लेकर देश को बांटने पर तुले हैं, जिस धर्म के आधार हम लोगों को बांट रहे हैं वो कितने तुच्छ और छोटे हैं।
यह वीडियो इंदौर के जर्नलिस्ट हर्षवर्धन प्रकाश ने ट्वीट किया है, उन्होंने उसके कैप्शन में लिखा...इस वीडियो से मन की "ईद" हो गई। भारत का यह भाव "अक्षय" रहे।आमीन
पहले समझते हैं आखिर वीडियो में क्या है ऐसा। दरअसल एक सड़क से एक मुस्लिम महिला गुजर रही हैं, उसके सिर पर फलों की टोकरी है। अचानक फलों की टोकरी उसके सिर से गिर जाती है और सारे फल सड़क पर बिखर जाते हैं, कई लोग सड़क से गुजर रहे हैं, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आता है।
कुछ सेकंड बाद सायकिल पर हनुमान जी गुजरते नजर आते हैं, जैसे ही उनकी नजर महिला और उसके बिखरे हुए फलों पर पड़ती है, वे सायकिल से उतर कर महिला की मदद करते हैं, टोकरी में फल रखकर उस महिला के सिर पर रखने में मदद करते हैं।
दरअसल, बुर्के में नजर आ रही इस मुस्लिम महिला की मदद हनुमानजी की वेशभुषा में साइकिल से गुजर रहा एक शख्स करता है। संभवत: यह शख्स रामलीला में अपनी भूमिका अदा करने जा रहा है या हो सकता है कि रामलीला या इसी तरह के किसी धार्मिक आयोजन से लौट रहा हो।
लेकिन ईद के दिन हनुमान जी की वेशभुषा में नजर आ रहे इस शख्स ने जिस तरह से बुर्का पहले इस मुस्लिम महिला की मदद की उसे देखकर ईद और अक्षय तृतीया का एक ही दिन आना सार्थक हो गया। वीडियो को देखकर दिल से यही निकलता है, ये सांप्रदायिक सौहार्द अक्षय रहे, अमर रहे।
नोट: हम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करते, हालांकि अगर ये वीडियो फेक भी हुआ तो भी इसमें सांप्रदायिक सदभावना के संदेश से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस वीडियो से मन की "ईद" हो गई। भारत का यह भाव "अक्षय" रहे।