Sub-classification within Scheduled Castes: हरियाणा मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को राज्य अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। यह कदम उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि राज्यों को आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है।
सिफारिशों को मंजूरी : एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Nayab Singh Saini) की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को मंजूरी दी गई। शुक्रवार को अपनी पहली कैबिनेट बैठक के बाद सैनी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने का निर्णय लिया गया है। ALSO READ: नायब सिंह सैनी : सुर्खियों से दूर रहने वाले नेता से शीर्ष पद तक का सफर
सैनी ने कहा कि हमारी कैबिनेट ने पहली बैठक में ही आज से ही इस निर्णय को लागू करने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों का राज्य की सरकारी सेवाओं में राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग में उनकी जनसंख्या के अनुपात की तुलना में पर्याप्त से अधिक प्रतिनिधित्व है। ALSO READ: नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा CM पद की शपथ ली, अनिल विज समेत 13 बने मंत्री
क्या कहा मायावती ने : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) के आरक्षण में वर्गीकरण लागू करने का हरियाणा सरकार का फैसला दलितों को फिर से बांटने और आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र है।
उन्होंने एक्स पर लिखा कि हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने मतलब आरक्षण कोटे के अंदर कोटे की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र है। उन्होंने का कि यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है।
भाजपा को बताया आरक्षण विरोधी : मायावती ने कहा कि हरियाणा सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के आगे नहीं आने से भी यह साबित होता है कि कांग्रेस की तरह भाजपा भी आरक्षण को पहले निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अंततः इसे समाप्त करने के षड़यंत्र में लगी है, जो घोर अनुचित है। उन्होंने कहा कि बसपा इसकी घोर विरोधी है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में फूट डालो-राज करो व इनके आरक्षण विरोधी षड़यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बसपा है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा। (एजेंसी/वेबदुनिया)