लखनऊ। हाथरस कांड को लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी दलों के नेता हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिलने गए। कार्यकर्ताओं के साथ लाठीचार्ज भी किया गया। कांग्रेस आज देशभर में सत्याग्रह का आंदोलन कर रही है। वहीं हाथरस को लेकर जातीय हिंसा फैलाने एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है।
मीडिया खबरों के अनुसार उत्तरप्रदेश में जातीय दंगे कराने के लिए हाथरस पीड़िता की मौत वाली रात ही एक 'जस्टिस फॉर हाथरस' नाम से एक वेबसाइट बनाई गई थी। खबरों के अनुसार वेबसाइट को इस्लामिक देशों से जमकर फंडिंग भी मिली। खबरों के अनुसार मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं। इस मामले में जांच एजेंसियों के हाथ महत्वपूर्ण और चौंकाने वाले सुराग लगे हैं।
मीडिया खबरों के मुताबिक वेबसाइट में फर्जी आईडी से हजारों लोगों को जोड़ा गया था। बेवसाइट पर विरोध प्रदर्शन की आड़ में देश और प्रदेश में दंगे कराने और दंगों के बाद बचने का तरीका बताया गया। मदद के बहाने दंगों के लिए फंडिंग की जा रही थी। फंडिंग की बदौलत अफवाहें फैलाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया के दुरुपयोग के सुराग भी जांच एजेंसियों को मिले हैं। फिलहाल यह वेबसाइट नहीं खुल रही है।
उत्तरप्रदेश पुलिस की ओर से लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 153-बी (किसी भी जाति, समुदाय आदि के विरुद्ध किसी भी प्रकार से बोलना, लिखना और नफरत फैलाना) समेत कई गंभीर धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस की तहरीर में मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की साजिश और जातीय विद्धेष भड़काने का आरोप है।