गुजरात में बारिश से हाहाकार, 24 घंटे में गिरा 15 इंच पानी

Webdunia
शनिवार, 10 अगस्त 2019 (14:28 IST)
गांधीनगर। गुजरात में जारी भारी वर्षा के बीच पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है और इस दौरान नदियां और जलाशय उफान पर आ गए हैं जबकि वर्षाजनित दुर्घटनाओं में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई हैं। पिछले 24 घंटे में ही कुल वार्षिक औसत वर्षा का 11.40 प्रतिशत बारिश हुई है। राज्य के बरावा में एक ही दिन में गिरा 15 इंच पानी। 
भारी बारिश से गुजरात पानी-पानी : पिछले 24 घंटे में राज्य के सभी 33 जिलों के सभी 251 तालुका में बरसात हुई है जिसमें से सर्वाधिक 380 मिमी बोटाद जिले के बरवाला में था। आज सुबह छह से दस बजे तक भी 32 जिलों के 177 तालुका में वर्षा हुई है और सर्वाधिक 162 मिमी जामनगर के कालावाड़ में हुई है।
 
राज्य के बरावा में 15 इंच, महुआ और घांधुका में 13 इंच, रानापुर और गलतेश्वर में 10 इंच, धोलेरा 9 इंच बारिश दर्ज की गई। राज्य में अब तक मौसम की औसत 77.80 बारिश हो चुकी है, दक्षिण गुजरात में 98.31 फीसदी बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के दौरान भी राज्य में भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
उफान पर नदिया : वर्षा के कारण नदियां और बांधों से जुड़े जलाशय उफान पर हैं। काली 2, आजवा, मोतीसर, धोली ध्वजा आदि डैम के जलाशय छलक गए हैं। ढाढर, कराड आदि नदियां उफान पर हैं। निचले इलाकों को अलर्ट कर दिया गया है। वर्षा ने सामान्य जनजीवन पर भी असर डाला है। राहत और बचाव कार्य भी तेजी से जारी है।
वर्षा के दौरान अहमदाबाद शहर के बोपल इलाके में एक दीवार गिरने से एक मजदूर परिवार के चार लोगों की आज तड़के मौत हो गई। यहां 12 घंटे में 8 इंच बारिश दर्ज की गई। खेड़ा जिले के नडियाद में शुक्रवार देर रात तीन मंजिला मकान गिरने से चार लोगों की मौत हो गई तथा पांच अन्य घायल हो गए।
 
सुरेन्द्रनगर जिले के बावडी गांव में नदी पार करने के दौरान तीन लोग बह गए जबकि बनासकांठा जिले के थराद में वर्षा से उफनाई नर्मदा नहर में डूब कर एक युवक की मौत हो गई।
एनडीआरएफ की टीम और अन्य राहत एजेंसियों ने सैकड़ों लोगों को बाढ़ प्रभवित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। स्थानीय लोगों ने जूनागढ़ के झांझरडा रोड पर एक रेलवे अंडरब्रिज के नीचे पानी में फंसे एक स्कूल बस से तीस बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जलभराव के कारण सड़क और रेल यातायात पर भी असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने स्थिति की समीक्षा और राहत कार्यों की निगरानी के लिए यहां राज्य आपात नियंत्रण कक्ष पहुंच कर बैठक की।

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