भोपाल। मध्य प्रदेश में बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। सितंबर का महीना आधा बीतने को है लेकिन प्रदेश में मसूलाधार बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में अब तक सामान्य से 26 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। इस सीजन में प्रदेश में अब तक 1080 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है जबकि बारिश का सामान्य आंकड़ा 854.8 मिमी का है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए प्रदेश के 35 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अनुमान जातते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार को इंदौर, धार,खंडवा,खरगौन, भोपाल, रायसेन, होशंगाबाद सहित कई जिलों में अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं पिछले 24 से राजधानी भोपाल समेत होशंगाबाद, मंदसौर, इंदौर सहित मालवा के कई जिलों में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है।
ALSO READ: आफत की बारिश: पहले कराई मेंढक-मेंढकी की शादी, अब कराना पड़ा तलाक क्यों हो रही आफत की बारिश : भोपाल मौसम केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक पीके साह के मुताबिक प्रदेश में अच्छी बारिश के होने का कारण एक साथ कई सिस्टम का एक्टिव होना है। मौसम के जानकारों के अनुसार कई दशक के बाद यह पहला मौका है जब प्रदेश में सितंबर के महीने में लगातार इतनी बारिश हो रही है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रदेश में लगातार बारिश के लिए पहला बड़ा कारण एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर मध्य प्रदेश एवं उससे लगे दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश पर बना हुआ है, इसके साथ ही साथ हवा के ऊपरी भाग में 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का बना होना भी बारिश का प्रमुख कारण है।
सूबे में मूसलाधार बारिश का दूसरा कारण मानसून का मीन सी लेवल पर बीकानेर जयपुर लो प्रेशर एरिया से होकर अंबिकापुर जमशेदपुर दीघा से बंगाल की खाड़ी तक बना होना। जिसके चलते मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है।
आफत की बारिश का तीसरा कारण एक मानसूनी ट्रफ लाइन का दक्षिण गुजरात से पश्चिम बंगाल के समुद्र तट पर बना होना है, जो कम दबाव के क्षेत्र से दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ एवं झारखंड के बीच होकर जा रहा है,जो 3.1 से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर बना है ।
बारिश का चौथा और पांचवा कारण उत्तर पूर्व अरब सागर एवं उससे लगे इलाके में हवा के ऊपरी भाग में 1.5 से 2.1 किलोमीटर के बीच हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना होना और हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात पश्चिम बंगाल से लगे इलाके में 1 से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर बना होने से है। एक साथ प्रदेश में मानसून के 5 सिस्टम एक्टिव होने से प्रदेश में लगातार बारिश जारी है जिससे अगले कुछ दिनों में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।