Leh violence case : गृह मंत्रालय की एक टीम ने शुक्रवार को लेह शहर में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू जारी रहने के बीच समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए कई बैठकें कीं। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान हिंसा भड़क उठी थी जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए थे। इस बीच कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवांग रिग्जिन जोरा ने लद्दाख के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर 24 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन में 4 युवकों की हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है।
लद्दाख में सुरक्षा स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही। लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीदने की अनुमति देने के लिए प्रतिबंधों में बाद में ढील दिए जाने की संभावना है। व्यापक झड़पों के बाद 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि करगिल सहित अन्य प्रमुख शहरों में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने वाली निषेधाज्ञा के तहत सख्त पाबंदियां लागू रहीं।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंगा रोधी उपकरणों से लैस पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान सुनसान सड़कों पर गश्त करते देखे गए। कई इलाकों में लोगों ने शिकायत की कि उनके पास राशन, दूध और सब्जियों सहित आवश्यक वस्तुओं की कमी हो रही है।
लेह के ज़िला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने शुक्रवार से दो दिनों के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रखने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे। गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय टीम सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बृहस्पतिवार को लेह पहुंची। उन्होंने एलएबी के प्रतिनिधियों के अलावा उपराज्यपाल, नागरिक और पुलिस अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं।
एलएबी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग और सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, बैठक में निर्णय लिया गया कि गृह मंत्रालय के साथ तैयारी संबंधी एक बैठक 27 या 28 सितंबर को नई दिल्ली में होगी, बशर्ते गृह मंत्रालय तारीख की पुष्टि कर दे। बैठक में लद्दाख के सांसद (मोहम्मद हनीफा जान) के अलावा एलएबी और केडीए (कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस) के तीन-तीन प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इसमें कहा गया है, तैयारी संबंधी बैठक के बाद गृह मंत्रालय की एक तत्काल आधिकारिक बैठक होगी, जिसमें एलएबी और केडीए के सात-सात सदस्यों वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति चार-सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा करेगी। एलएबी और केडीए पिछले चार वर्षों से संयुक्त रूप से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहे हैं। उनकी मांगों में राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार, लेह और कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें और लोक सेवा आयोग शामिल हैं।
उन्होंने पहले भी सरकार के साथ कई दौर की बातचीत की है, जिसमें रोजगार की गारंटी और अतिरिक्त लोकसभा सीट पर सहमति बनी है, जिसका फ़ैसला परिसीमन आयोग करेगा। इस तरह राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। केंद्र के साथ अगले दौर की बातचीत छह अक्टूबर को होनी है।
इस बीच, केडीए के आह्वान पर एक दिन के बंद के बाद शुक्रवार सुबह कारगिल में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुल गए। हालांकि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और वे शहर के संवेदनशील इलाकों में गश्त करते देखे गए।
My colleague Nawang Rigzin Jora has written to the Lt Governor of Ladakh UT demanding a judicial enquiry into the killings of four young men in the protests on September 24th. pic.twitter.com/HHTqTEcvlw
हिंसा को लेकर क्या बोले जयराम रमेश : कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि हालिया हिंसा के बाद लद्दाख के लोगों की पीड़ा और वेदना को देखते हुए भारत सरकार को अपनी अंतरात्मा को जगाना होगा ताकि वह उनकी जायज़ मांगों को पूरी तरह से पूरा करे, न कि सिर्फ़ बातचीत जारी रखे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लद्दाख कई मायनों में भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लोग हमेशा से गौरवान्वित भारतीय रहे हैं। रमेश ने कहा कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवांग रिग्जिन जोरा ने लद्दाख के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर 24 सितंबर को हुए विरोध प्रदर्शन में 4 युवकों की हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है।
Edited By : Chetan Gour