हनीप्रीत ने कहा कि पिता को सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें जिस तरह से दिखाया गया उससे वह अवसादग्रस्त हो गई तथा खुद से डरने लगी। वह हिंसा भड़काने में शामिल नहीं थी और न ही किसी के पास उसके खिलाफ कोई सबूत है। उसने कहा कि मुझे देशद्रोही कहा गया है, जो बिल्कुल गलत है। अपने पापा के साथ एक बेटी अदालत में जाती है। ऐसा बिना अनुमति के संभव नहीं है।