भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में भाजपा के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेशों के अध्यक्ष, राज्यों के प्रभारी व सह-प्रभारी तथा राज्यों के संगठन मंत्री भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक की शुरुआत की और बाद में उसे संबोधित भी किया। बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई और इस संबंध में एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में महामारी के दौरान गरीब किसान कल्याण योजना चलाने, समावेशी बजट प्रस्तुत करने और चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के दौरान उपयुक्त कदम उठाने को भी रेखांकित किया गया।
इससे पहले, भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि दिनभर चलने वाली बैठक के दौरान असम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव, आत्मनिर्भर भारत अभियान और तीन कृषि कानूनों के बारे में भी चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि बैठक के बाद पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की रुपरेखा की घोषणा की जाएगी। कोरोना महामारी के दौरान यह राष्ट्रीय पदाधिकारियों की पहली बैठक है जिसमें नेता प्रत्यक्ष तौर पर शामिल हुए।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले लगभग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसान संगठन अपने आंदोलन को देशव्यापी बनाने की कोशिशों में हैं और वे लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर हैं।(भाषा)