इस समूह के परिसर राउरकेला और इसके आसपास हैं। आयकर विभाग ने 3 दिसंबर को इन परिसरों पर छापे मारे थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि समूह की इकाइयां 17 बोगस कंपनियों के नाम पर 2 वित्तीय वर्ष से करीब 170 करोड़ रुपए की फर्जी खरीद दिखा रही थीं।