भारत 2029 तक बन सकता है तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

शनिवार, 3 सितम्बर 2022 (23:37 IST)
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग की शनिवार को जारी एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।
 
भारत ने दिसंबर 2021 में ही ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के आकार को पार कर पांचवां स्थान बना लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2027 में जर्मनी से और 2029 तक जापान से आगे निकल सकता है। यह किसी भी मानक द्वारा एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
 
भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ सौम्य कांति घोष द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 13.5 फीसदी की वृद्धि हुई है और इस इस दर पर, भारत के चालू वित्त वर्ष में सबसे तेजी से विस्तार कर रही बड़ी अर्थव्यवस्था होने की संभावना है।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2014 के बाद से एक बड़े संरचनात्मक बदलाव से गुजरा है और अब यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने दिसंबर 2021 की शुरुआत में ही ब्रिटेन को 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पीछे छोड़ दिया था न कि हाल ही में जैसा कि दावा किया जा रहा है।
 
भारत के सकल घरेलू उत्पाद का हिस्सा अब वैश्विक जीडीपी का 3.5 प्रतिशत है, जो 2014 में 2.6 फीसदी था और 2027 में 4 प्रतिशत को पार करने की संभावना है। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में जर्मनी का वर्तमान हिस्सा 4 प्रतिशत है।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 के बाद से भारत द्वारा अपनाए गए रास्ते से पता चलता है कि भारत को 2029 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा मिलने की संभावना है। वर्ष 2014 के बाद से यह सात स्थान ऊपर का सफर होगा।
विभिन्न अनुमानों में 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.7 फीसदी से 7.7 प्रतिशत तक रहने की बात कही गई है। एबसीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार घोष ने लिखा है कि हम दृढ़ता से मानते हैं कि दुनिया में अनिश्चितताओं से इस दौर में भारत के लिए 6 फीसदी से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि एक नई सामान्य बात हो गई है। 
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में चीन में निवेश कम होने के आसार हैं। इसका फायदा भातर को होगा। वैश्विक टेक कंपनी एप्पल ने अपने आईफोन 14 मॉडल की वैश्विक बिक्री के लिए कुछ हिस्से का निर्माण भारत में हस्तांतरित करने का जो फैसला किया है, वह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी बात है।

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