Tension between India and Canada increase: भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कनाडा के साथ मौजूदा कूटनीतिक विवाद ट्रूडो सरकार (Prime Minister Justin Trudeau) के 'निराधार' आरोपों के कारण उत्पन्न हुआ है तथा नई दिल्ली के खिलाफ ओटावा के गंभीर आरोपों के समर्थन में 'कोई सबूत' साझा नहीं किया गया है।
ट्रूडो के पास नहीं कोई सबूत : संघीय चुनाव प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के समक्ष गवाही देते हुए ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि जब उन्होंने पिछले वर्ष खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और कोई 'ठोस साक्ष्य' नहीं था। ALSO READ: निज्जर मामले में अमेरिका के बिगड़े बोल, भारत जांच में कनाडा को सहयोग नहीं कर रहा
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उसने जो सुना है, वह नई दिल्ली के इस दृढ़ रुख की पुष्टि करता है कि कनाडा ने भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ ओटावा द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में हमें कोई सबूत पेश नहीं किया है। ALSO READ: निज्जर मामले में भारत सख्त, कनाडा के 6 राजनयिकों को निकाला, 19 अक्टूबर तक छोड़ना होगा देश
26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित : जायसवाल ने दोहराया कि अभी तक कनाडा द्वारा कोई सबूत साझा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान संकट (भारत-कनाडा संबंधों में) ट्रूडो सरकार के निराधार आरोपों के कारण उत्पन्न हुआ है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जायसवाल ने कहा कि भारत की ओर से कनाडा के पास लगभग एक दशक से 26 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं।
गौरतलब है कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद और गहरा गया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के पिछले साल सितंबर में आरोप लगाए थे। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज किया था। इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया। निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। (एजेंसी/वेबदुनिया)