नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के दावों को दरकिनार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती नहीं है, बल्कि समस्या इसकी सही माप और उचित समझ की कमी की है।
पुरी ने गुरुवार को ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के एक कार्यक्रम में यह कहा। ओआरएफ के जारी एक बयान में पुरी के हवाले से कहा गया है कि देश तेजी से हो रहे आक्रामक ढांचागत बदलाव के चरण से गुजर रहा है।
वे यहां ओआरएफ-एएमसीएचएएम की रिपोर्ट '5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था भारत : अवसरों की मजबूती, बाधाओं का हटाना जारी' करने के मौके पर बोल रहे थे। पुरी ने कहा कि भू-कानूनों को बदलने की जरूरत है लेकिन यह आसान काम नहीं है, क्योंकि भूमि राज्य का विषय है।
विशेषज्ञों के दावे को खारिज करते हुए पुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में कोई सुस्ती नहीं है बल्कि यह समस्या वास्तविक समझ और (वृद्धि) मापने की प्रणाली की है। पुरी ने कहा कि सरकार बहुत जल्द एक नई किराएदारी नीति लाएगी, जो शहरों में खाली पड़ी आवासीय संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने में मदद करेगी।
ओआरएफ की रिपोर्ट में भारत के अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दृष्टिकोण रखा गया है। रिपोर्ट में अगले 5 साल में 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2032 तक 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का दृष्टिकोण रखा गया है।