रेलवे की यह योजना एक लाख करोड़ रुपए की सबसे बड़ी पीपीपी योजना है। पहले चरण में 23 स्टेशनों के विकास का काम शुरू होगा, उनमें मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल भी शामिल हैं। इन स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधा से लैस किया जाएगा। देश के चुनिंदा 400 रेलवे स्टेशन को इस विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने का खाका रेलवे मंत्रालय ने तैयार कर लिया है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सभी रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा ताकि सरकार को राजस्व का फायदा मिलने के साथ यात्रियों को सुविधाएं भी मिलें। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आरके कुलश्रेष्ठ ने मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि पहले चरण में 23 स्टेशनों के पुनर्विकास को लांच किया जा रहा है। दूसरा चरण जून में शुरू किया जाएगा। इस दौरान 100 स्टेशनों के विकास के लिए टेंडर किया जाएगा, तीसरे चरण में 250 स्टेशनों के विकास के लिए चयन किया जाएगा। यह प्रक्रिया दिसंबर में पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए रेलवे ने बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप को बतौर सलाहकार नियुक्त किया है।
रेलवे स्टेशन पर डिजिटल साइन बोर्ड, एस्केलेटर, एलीवेटर, सेल्फ टिकटिंग काउंटर, फ्री व पेड वाई-फाई, दवा की दुकान, एग्जीक्यूटिव लाउंज, लगेज स्कैनर मशीन, पैदल रास्ते, रेलयात्रियों के लिए होल्डिंग एरिया, बड़ी और नई तरह की छत, बेहतर फर्श, बैट्री रिक्शा, एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी। इस कार्यक्रम से देश के 100 शहरों और एक करोड़ 60 लाख रेलयात्रियों को फायदा पहुंचेगा।
पहले चरण में फरीदाबाद, जम्मूतवी, बांद्रा टर्मिनस, बिजवासन, आनंद विहार, चंडीगढ़, अमृतसर, बेंगलुरु कैंट स्टेशन, भोपाल, बोरिवली, चैन्नई सेंट्रल, हावड़ा, इंदौर, कामाख्या, कोझिकोड, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल, पुणे, रांची, सिकंदराबाद, ठाणे, उदयपुर सिटी, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम और यशवंतपुर रेलवे स्टेशन शामिल हैं।