नौसेना के प्रवक्ता ने बताया, नौसेना की पश्चिमी कमान के गोतोखोरों के विशेष दल ने आज नौका वरप्रदा के मलबे के आसपास शवों की तलाश के लिए गोताखारी अभियान चलाया। यह अभियान आईएनएस मकर और आईएनएस तरासा के जरिए मुंबई हार्बर से 35 समुद्री मील की दूरी और 32 मीटर की गहराई में शून्य दृश्यता की परिस्थितियों में चलाया गया।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान विशेष गोताखोरी उपकरणों और पानी के अंदर तलाशी के लिए भी खास तरह के उपकरणों की मदद ली गई। प्रवक्ता ने कहा, समुद्र की गहराई में कोई शव बरामद नहीं हुआ। इससे पहले दिन में, नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र और गुजरात के तटों से 16 और शवों के मिलने के साथ ही समुद्र में हादसे के शिकार हुए बजरा पी305 और खींचने वाली एक नौका के सभी 274 कर्मियों का पता चल गया है। चक्रवात ताउते के प्रभाव से बजरा पी305 समुद्र में डूब गया था और नौका वरप्रदा तट से दूर चली गई थी।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया, 17 मई को कुल 274 (बजरा पी305 से 261 और नौका वरप्रदा से 13) कर्मियों के लापता होने की सूचना मिली थी। पी305 से 186 और वरप्रदा से दो लोगों को समुद्र से सुरक्षित निकाल लिया गया जबकि भारतीय नौसेना और तटरक्षक के जहाजों ने 70 शवों को समुद्र से बाहर निकाला।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों के रिश्तेदार शवों के साथ मिली चीजों या प्रतीकों जैसे कि कपड़े, पहचान पत्र, कोई चोट का निशान, जन्म का निशान और टैटू की मदद से उनकी शिनाख्त करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर शवों की पहचान नहीं हो पाती तो उनकी डीएनए जांच की जाएगी। बजरा गेल कंस्ट्रक्टर और सपोर्ट स्टेशन 3 (एसएस-3) तथा ड्रिल शिप सागर भूषण पर मौजूद सभी 440 लोगों को हाल ही में सफलतापूर्वक सुरक्षित तट पर ले आया गया।(भाषा)