नई दिल्ली। स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोर्मूगाओ (INS Mormugao) को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। आईएनएस मोर्मूगाओ को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी उपस्थित रहे।
सिंह ने कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। उन्होंने आईएनएस मोर्मूगाओ को प्रौद्योगिकी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत बताया।
क्या है इसमें खास :
पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोर्मूगाओ नाम रखा गया है। संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर, 2021 को समुद्र में उतरा था, जिस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 वर्ष पूरे हुए थे।
यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है।
भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में से एक आईएनएस मोर्मूगाओ की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है।
मोर्मूगाओ विशाखापत्तनम श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है।
इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है तथा निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।