Hyderpora Encounter पर Mehbooba Mufti ने उठाए सवाल, LG से की माफी की मांग
रविवार, 21 नवंबर 2021 (19:05 IST)
श्रीनगर। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हैदरपोरा मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं। महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के साथ-साथ घाटी की पूरी आबादी से माफी मांगनी चाहिए। मुफ्ती ने घटना में शामिल व्यक्तियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
महबूबा ने गुपकर रोड स्थित अपने फेयरव्यू आवास से राजभवन तक अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध मार्च का नेतृत्व किया। उन्होंने यह भी मांग की कि मुठभेड़ में मारे गए जम्मू के रामबन निवासी तीसरे व्यक्ति आमिर मार्गे का शव परिवार को लौटाया जाए।
महबूबा ने कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ में निर्दोष लोग मारे गए। चूंकि उपराज्यपाल एकीकृत कमान के प्रमुख हैं, उन्हें मारे गए लोगों के परिजनों से माफी मांगनी चाहिए और उन पर आतंकवादी या हाइब्रिड आतंकवादी या आतंकवादियों के सहयोगी होने का धब्बा हटाना चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें आमिर का शव लौटाना चाहिए, मुआवजा देना चाहिए और एकीकृत कमान को कश्मीर के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
पीडीपी अध्यक्ष ने तथ्यों को सामने लाने के लिए घटना की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच की जाए और इसमें (घटना) शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाए। महबूबा ने कहा कि इस पर "संदेह" है कि क्या वास्तव में कोई आतंकवादी था जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि वह मुठभेड़ में मारा गया।
उन्होंने कहा कि हमने उस चौथे व्यक्ति का शव या चेहरा नहीं देखा है, जिसे आतंकवादी बताया जा रहा है। हमें संदेह है कि क्या वास्तव में कोई आतंकवादी था या उन्होंने तीन नागरिकों को बेवजह मार डाला। उन्होंने कहा कि पूरी घटना पर बड़ा सवालिया निशान है।
महबूबा ने कहा, हमारे पास जानकारी है, एक आरोप है कि उन्हें एक मानव ढाल बनाया गया था क्योंकि उन्हें संदेह था कि एक आतंकवादी था। हांलाकि इस पर एक बड़ा सवालिया निशान है कि कोई आतंकवादी था या नहीं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि देश को भाजपा-आरएसएस के एजेंडे पर चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यहां कोई अधिकार नहीं हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके संविधान को रौंद दिया। देश या जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार नहीं चल रहा है। इसे भाजपा-आरएसएस के एजेंडे के तहत चलाया जा रहा है, जिसका मकसद अल्पसंख्यकों को कुचलना है। यहां अधिक उत्पीड़न है क्योंकि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य है।
महबूबा ने कहा कि उन्होंने यहां लोकतंत्र का जनाजा निकाला है। वे किसी को बात करने, विरोध करने की इजाजत नहीं देते। सभी दरवाजे बंद कर दिए गए हैं, इसलिए उन्हें इस उत्पीड़न के लिए माफी मांगनी चाहिए।