राउत ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पर्यटकों के नरसंहार के कुछ दिनों बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने 3 संदिग्ध हमलावरों के रेखाचित्र जारी किए और उनमें से एक रेखाचित्र उस व्यक्ति से मेल खाता है जिसने फूड स्टॉल पर उनसे बात की थी।
राउत 21 अप्रैल को पहलगाम में घुड़सवारी करने गए थे और खाने के लिए एक मैगी स्टॉल पर रुके थे, तभी एक आदमी उनके पास आया और उनसे पूछा कि क्या वह हिंदू हैं। उसने राउत से यह भी कहा कि वह कश्मीरी जैसे नहीं दिखते। इसके बाद संदिग्ध अपने साथी की ओर मुड़ा और कहा कि आज भीड़ कम है।
राउत ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में अपने अनुभव के बारे में विस्तृत विवरण एनआईए को ईमेल किया है। उन्होंने कहा कि मैंने वह सब कुछ लिखा है जो मुझे याद है। मैंने यह भी उल्लेख किया है कि मैं नेटवर्क की समस्याओं के कारण शुरू में मैगी स्टॉल के मालिक को भुगतान नहीं कर सका था। मैंने उसका फोन नंबर लिया और पहाड़ी से नीचे आने के बाद उसे भुगतान किया। राउत ने कहा कि उन्हें एनआईए से कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अगर वे मुझसे संपर्क करते हैं तो मैं हर संभव तरीके से उनका सहयोग कि करूंगा।
गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास 22 अप्रैल को बैसरन में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। हमले में कई लोग घायल हो गए।