सरकारी दावों के बकौल, जम्मू संभाग के सभी जिलों तथा कश्मीर के कुपवाड़ा और बांडीपोरा में 2 जी इंटरनेट की सुविधा 24 जनवी तक के लिए बहाल की गई है। दरअसल प्रशासन को यह फैसला आनन फानन में उस समय करना पड़ा था जब सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में संचारबंदी को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया था कि इंटरनेट मौलिक अधिकार है इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को वंचित नहीं रखा जा सकता।
जानकारी के लिए यह अधिकार मिला भी तो कितना, आंकड़े पूरी कहानी बोलते हैं। प्रशासन ने 2 जी इंटरनेट की सुविधा 12 जिलों में दी है। इंटरनेट का अधिकार बंदिशों के साथ दिया गया है। मतलब यह है कि आप इससे सिर्फ 153 वेबसाइटों को ही ख्ंागाल सकते हैं। इनमें 15 बैंकों की साइटें हैं तो 20 ट्रैवल से जुड़ी हुई जबकि 58 साइटों का संबंध शिक्षा के क्षेत्र हैं। इसके अतिरिक्त आप किसी भी वेबसाइट को नहीं खोल सकते और न ही सोशल मीडिया तक आपकी पहुंच है।
प्रशासन कहता है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया है तो इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले कहते थे कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के साथ मजाक से कम नहीं है। दरअसल प्रशासन जिस 2 जी स्पीड को चालू करने का दावा कर रहा है वह 4 जी के आगे बौनी दिखती है और अधिकतर साइटंेे पूरे दिन की मेहनत के बाद ही खुल पा रही हैं।
सरकारी निर्देश मिलने के उपरांत दो दिनों तक बीएसएनएल और एयरटेल की ओर से सेवा ही उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी थी क्योंकि वे 4 जी सर्विस को 2 जी पर चलाने की माथापच्ची में लगे रहे थे। हालांकि जियो ने पहले दिन सेवा तो दी पर 4 जी की क्योंकि जियो का कहना था कि जियो की शुरुआत ही 4 जी से हुई है तो 2 जी कहां से लाएं। और अभी भी वोडाफोन-आइडिया इस सुविधा को नहीं दे पाया है क्योंकि उसके अधिकारी 4 जी को 2 जी में परिवर्तित करने में कामयाब नहीं हो पाए हैं।