संकट में झारखंड सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी, राज्यपाल के फैसले पर सबकी नजर

शुक्रवार, 26 अगस्त 2022 (07:38 IST)
रांची। रांची में खनन पट्टा आवंटित कराने के मामले में हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय झारखंड के राजभवन पहुंचने के बाद झारखंड सीएम की कुर्सी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। राज्यपाल रमेश बैस चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर शुक्रवार को फैसला ले सकते हैं।
 
इस संबंध में एक सवाल के जवाब उन्होंने कहा कि वह इलाज के लिए 2 दिन से दिल्ली एम्स में थे और गुरुवार को ही रांची लौटे हैं। इधर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि सोरेन अपनी सदस्यता खो चुके हैं। भाजपा ने ही शिकायत की थी, इसलिए यह खुशी का क्षण है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग के कामकाज पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आज भारत का चुनाव आयोग भी सवालों के घेरे में है। उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दूबे की ओर संकेत करते हुए आरोप लगाया कि आयोग का फैसला अभी तक आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन भाजपा के सांसद ट्वीट करके पहले ही उसके बारे में जानकारी देते हैं और घोषणा करते हैं। 
 
हेमंत सोरेन ने भी आज सीएम आवास पर महागठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी है कि पार्टी हर हाल में JMM के साथ है और गठबंधन नहीं टूटेगा।
 
इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परोक्ष रूप से केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?
 
सोरेन ने अपने कार्यकाल के दौरान खुद के नाम से रांची में खनन पट्टा आवंटित कराने के मामले में उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की राय झारखंड के राजभवन पहुंचने के बाद अपनी सरकार गिरने की आशंकाओं के बीच एक के बाद एक ट्वीट किए जिनमें उन्होंने कहा, 'हमने राज्य में कल भी काम किया था और आज भी कर रहे हैं, संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?
 
मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने लोकसभा सांसद विजय कुमार हंसदा के एक ट्वीट को रीट्वीट किया, 'झारखंड की सरकार को अस्थिर करने की साजिश चल रही है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में जो काम हो रहे हैं, वो इन शक्तियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। राज्य में हम जनता की सेवा करते रहेंगे। इनकी हर साजिश बेनकाब होगी। झामुमो झारखंड के विकास के लिए काम करती रहेगी।'
 
इससे पूर्व उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी दावा किया कि राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता का आशीर्वाद उसके साथ है साथ ही उसने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से कोई भी निर्णय आता है, वह कोई अंतिम निर्णय नहीं होगा क्योंकि पार्टी के अन्य विकल्प भी खुले हुए हैं।
 

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