अभी तक रेलवे की दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल रही है। पिछले 6 साल से एयरटेल रेलवे को 1.95 लाख मोबाइल फोन कनेक्शन उपलब्ध करा रही है जिसका इस्तेमाल उसके कर्मचारियों द्वारा देशभर में 'क्लोज्ड यूजर ग्रुप' (सीयूजी) में किया जाता है। बताया जाता है कि इसके लिए रेलवे भारती एयरटेल को सालाना 100 करोड़ रुपए का बिल चुकाती है। भारती एयरटेल की वैधता इस साल 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है।
रेलवे बोर्ड के 20 नवंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि उसने रेलटेल (रेल क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम) भारतीय रेल के लिए नई सीयूजी योजना को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी दी है, क्योंकि मौजूदा योजना की वैधता 31 दिसंबर 2018 को समाप्त हो रही है।
कंपनी रेलवे को 4 पैकेज उपलब्ध कराएगी। सबसे वरिष्ठ अधिकारियों (2 प्रतिशत) को 125 रुपए मासिक शुल्क का 60 जीबी का प्लान उपलब्ध कराया जाएगा। संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों (26 प्रतिशत) को 99 रुपए मासिक शुल्क का 45 जीबी का प्लान, समूह सी कर्मचारियों (72 प्रतिशत) 67 रुपए शुल्क वाला 30 जीबी का प्लान और थोक एसएमएस का 49 रुपए का प्लान उपलब्ध कराएगी।