राष्ट्रगान का सम्मान न करने पर 2 पत्रकारों को कर्नल ने दिखाया बाहर का रास्ता...

सेना की पासिंग आउट परेड में राष्ट्रगान के दौरान बैठे रहने के आरोप में दो मीडिया कर्मियों को इवेंट से बाहर निकाल दिया गया। श्रीनगर से सटे रंगरेथ में लाइट इनफेंट्री रेजिमेंटल सेंटर की घटना को लेकर सेना के उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।  पासिंग आउट परेड से बाहर निकाले गए कश्मीर आधारित समाचार पत्र के संवाददाता ने सेना के एक कर्नल पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गान और तिरंगे को देखकर जब सभी खड़े हुए तो वह डायरी पर स्टोरी के नोट्स लिख रहे थे।
 
मंगलवार को इन पत्रकारों को शहर से दूर रंगरेथ में जम्मू कश्मीर लाइट इनफैंट्री रेजिमेंटल सेंटर में पासिंग आउट परेड के कार्यक्रम से बाहर जाने को कहा गया। ये दोनों पत्रकार इस कार्यक्रम की कवरेज के लिए आए थे। दोनों पत्रकार कश्मीर के अखबार में काम करते है। इनमें से एक पत्रकार जुनैद नबी बजाज ने कहा कि सेना ने हमें इस कार्यक्रम के कवरेज के लिए बुलाया था, न कि इसमें भाग लेने के लिए। मैं अपनी खबर के लिए कुछ लिख रहा था, तभी कार्यक्रम खत्म होते ही कर्नल बर्न हमारे पास आए और हमें जाने को कहा। बजाज ने कहा कि बर्न ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया।
 
उन्होने कहा कि यहां आप दोनों को छोड़कर सभी लोग खड़े हुए है। ऐसे लोगों की हमें जरुरत नहीं है। इसलिए प्लीज यहां से चले जाइए। इस घटना की पुष्टि करते हुए श्रीनगर स्थित रक्षा प्रवक्ता कर्नल एनएन जोशी ने कहा कि उन्होंने देखा कि ये दो पत्रकार राष्ट्रगान बजाए जाते समय खड़े नहीं हुए।
 
जब मैं उनसे बात कर रहा था तो कर्नल बर्न आए और स्वाभाविक तौर पर यह उनकी भावना ही थी जिससे वो आहत हुए और उन्होंने उन पत्रकारों को जाने को कहा। बजाज ने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद कर्नल जोशी ने बर्न के व्यवहार के लिए खेद जताया।
 
कर्नल जोशी ने कहा वह कर्नल के व्यवहार के प्रति खेद प्रकट करते हैं लेकिन जर्नलिस्ट सदस्यों को भी राष्ट्रगान और तिरंगे की गरिमा को समझना चाहिए। बहरहाल उन्हाेंने सेना के उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी है।

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