Junior doctors march: लाल बाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय (Police headquarters) के बाहर प्रदर्शन करने के एक सप्ताह बाद सैकड़ों जूनियर चिकित्सकों ने मंगलवार को स्वास्थ्य भवन (Swasthya Bhavan) की ओर मार्च किया और आर.जी. कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या की पीड़िता चिकित्सक के लिए न्याय की मांग की।
इसके साथ ही प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने मामले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त एवं कई स्वास्थ्य अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारी डॉक्टर पिछले सप्ताह लाल बाजार में रीढ़ की हड्डी का मॉडल लेकर गए थे। इस बार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने साल्ट लेक के सेक्टर-5 में पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय की ओर मार्च करते हुए झाड़ू और मस्तिष्क का मॉडल दिखाया।
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों का उद्देश्य राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को साफ करना और डॉक्टरों की दुर्दशा के बारे में शीर्ष अधिकारियों को सोचने के लिए मजबूर करना है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य भवन के प्रवेश द्वार पर पुलिस टुकड़ी तैनात की गई है और बैरिकेड लगाए गए हैं।
सरकार को दिया अल्टीमेटम : प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने अपनी 5 मांगों को स्वीकार करने के लिए राज्य सरकार को मंगलवार शाम 5 बजे तक का समय दिया है जिसमें कोलकाता पुलिस आयुक्त, राज्य स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएचई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) का इस्तीफा शामिल है। ऐसा न करने पर उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य भवन के सामने धरना देंगे।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आंदोलनकारी चिकित्सकों को राज्य सरकार की प्रतिकूल कार्रवाई से बचने के लिए मंगलवार शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा था। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा कि हम शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे हैं। हमने पीड़िता के लिए न्याय एवं कोलकाता पुलिस आयुक्त, राज्य स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक के इस्तीफे की अपनी मांगों को स्पष्ट किया है।
मांगें पूरी न होने पर हम धरना शुरू करेंगे : उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार हमारी मांगों को पूरा करती है तो हम ड्यूटी पर लौटने के बारे में सोचेंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को साफ करे। हम सफाई कार्यक्रम शुरू करने के लिए झाडू लेकर जा रहे हैं। हम शाम 5 बजे तक राज्य द्वारा हमारी मांगें पूरी किए जाने का इंतजार करेंगे, ऐसा न होने पर हम धरना शुरू कर देंगे। हालांकि हम राज्य सरकार के साथ किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार हैं।
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक का शव मिलने के बाद 9 अगस्त की शाम से जूनियर चिकित्सकों ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में काम करना बंद कर दिया है जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। राज्य सरकार ने दावा किया है कि जूनियर डॉक्टरों के काम नहीं करने के कारण 23 मरीजों की जान चली गई है और कई का इलाज नहीं हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आंदोलनकारी डॉक्टरों से उनकी शिकायतें दूर करने के लिए सीधी बातचीत की पेशकश की थी। ममता ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने आपसे ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध किया है, और मैं उस अनुरोध को दोहराती हूं। अगर आपको कुछ कहना है, तो आपका हमेशा स्वागत है। आप 5 से 10 सदस्यों की एक टीम बना सकते हैं और मुझसे मिल सकते हैं।(भाषा)