अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डोडा के उपायुक्त विशेष पॉल महाजन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अब्दुल कय्यूम और अतिरिक्त उपायुक्त दिलमीर चौधरी ने इन श्रद्धालुओं को 14700 फुट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश कुंड के लिए रवाना किया। कैलाश कुंड प्राचीन 'नाग' संस्कृति का द्योतक है।
महाजन ने कहा, पिछले साल 35000 से अधिक श्रद्धालु पवित्र कैलाश कुंड गए थे और इस साल हम उसमें कई गुणा वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि हमने एकसाथ इस केंद्रशासित प्रदेश में और राष्ट्रीय स्तर पर इस प्राचीन एवं विशिष्ट तीर्थाटन का प्रचार किया है।
सुबह करीब नौ बजे गाथा में वासुकी नाग मंदिर से छड़ी मुबारक को निकाला गया और फिर भदरवाह के वासिक धेरा में वासुकी नाग मंदिर से दूसरा जत्था इसमें शामिल हो गया। जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ न्यास ने मांग की है कि कैलाश यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए। यह न्यास प्राचीन मंदिरों की देखभाल करता है तथा वह इस यात्रा के मुख्य आयोजकों में एक भी है।
न्यास के सचिव और भदरवाह के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक शर्मा ने कहा, यह शायद जम्मू-कश्मीर की एकमात्र यात्रा है, जो आतंकवाद के चरम पर रहने के दौरान भी जारी रही। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हर पहलू से अनोखी है और सरकार को अमरनाथ एवं वैष्णोदेवी यात्रा की भांति ही उसे सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए एवं उसे बढ़ावा देना चाहिए। छड़ी मुबारक मार्ग में दो रात्रि विश्राम के बाद यह यात्रा बुधवार को कैलाश कुंड पहुंचेगी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)