कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एचजी रमेश और न्यायमूर्ति एसएस सुंदर की पीठ ने कहा कि स्थान आवंटित न करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है। याचिकाकर्ता द्वारा दी गई रूपरेखा के अनुसार, सम्मानजनक रूप से दफनाने के लिए फौरन एक स्थान मुहैया कराएं। अदालत ने कहा कि सरकार यह बताने में विफल रही कि मरीना बीच पर नेता को दफनाने की अनुमति देने के रास्ते में कौनसी कानूनी अड़चनें हैं।