- डीएमके इस मामले को लेकर रात में ही अदालत पहुंची और देर रात को इस मामले की सुनवाई हुई।
- तमिलनाडु सरकार ने करुणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच की जगह गांधी मंडपम में जगह देने की पेशकश की थी। यहां पूर्व मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी और के. कामराज के स्मारक भी हैं। हालांकि डीएमके तमिलनाडु सरकार के इस प्रस्ताव पर राजी नहीं हुई।
- 2016 में जयललिता के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार भी मरीना बीच पर ही किया गया। हालांकि वॉटर फ्रंट से 500 मीटर के दायरे में किसी निर्माण की रोक थी। ऐसे में जयललिता का अंतिम संस्कार उनके गुरु रहे एमजी रामचंद्रन के मेमोरियल में ही हुआ, जो पहले से ही वहां था।
- अभी तक सिर्फ दो मुख्यमंत्रियों को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह मिली है, इसमें पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुराई और एमजी रामचंद्रन शामिल हैं। सीएन अन्नादुराई ने डीएमके की स्थापना की थी। एमजी रामचंद्रन एआईएडीएमके के संस्थापक हैं।
- राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, डी. राजा समेत कई विपक्षी नेताओं और अभिनेता रजनीकांत ने भी डीएमके की मांग का समर्थन किया है।