Prime Minister Narendra Modi's visit to Varanasi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के दौरे पर पहुंचे हैं। आज वाराणसी में उन्होंने बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में एक कार्यक्रम में शामिल हुए हुए। यह पर उन्होंने संसद संस्कृत प्रतियोगिता के टॉपर्स को सर्टिफिकेट देते हुए सभी का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि काशी शिव, बुद्ध, जैन तीर्थंकरों और आदिशंकराचार्य की भूमि भी है।
काशी, भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र : इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि काशी केवल हमारी आस्था का तीर्थ ही नहीं है, ये भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र है। एक समय था, जब भारत की समृद्धि की गाथा पूरे विश्व में कही जाती थी। इसके पीछे भारत की केवल आर्थिक ताकत ही नहीं थी बल्कि इसके पीछे हमारी सांस्कृतिक समृद्धि भी थी, सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि भी थी।
काशी शिव, बुद्ध, जैन तीर्थंकरों और आदिशंकराचार्य की भूमि भी : मोदी ने कहा कि काशी शिव की भी नगरी है, ये बुद्ध के उपदेशों की भी भूमि है। काशी जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली भी है और आदिशंकराचार्य को भी यहां से बोध मिला था। पूरे देश से और दुनिया के कोने-कोने से भी ज्ञान, शोध और शांति की तलाश में लोग काशी आते हैं। हर प्रांत, हर भाषा, हर बोली, हर रिवाज के लोग काशी आकर बसे हैं। जिस स्थान पर ऐसी विविधता होती है, वहीं नए विचारों का जन्म होता है।
भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख अभिव्यक्ति : भारत एक विचार है, संस्कृत उसकी प्रमुख अभिव्यक्ति है। भारत एक यात्रा है, संस्कृत उसके इतिहास का प्रमुख अध्याय है। भारत विविधता में एकता की भूमि है, संस्कृत उसका उद्गम है। हमारे ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के उत्थान में जिन भाषाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा है, संस्कृत उनमें सबसे प्रमुख है।
काशी विरासत और विकास का मॉडल : भारत ने जितने भी नए विचार दिए, नए विज्ञान दिए, उनका संबंध किसी न किसी सांस्कृतिक केंद्र से है। काशी का उदाहरण हमारे सामने है। हमारे ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म के उत्थान में जिन भाषाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा है, संस्कृत उनमें सबसे प्रमुख है। आज काशी को विरासत और विकास के एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।