इस मामले में आरोप-पत्र दायर किए जाने तक मलक्कल (54) पर यह शर्तें प्रभावी रहेंगी। बीते 3 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने मलक्कल की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। उस वक्त अदालत ने अभियोजन की यह दलील स्वीकार कर ली थी कि समाज में ऊंचा दर्जा रखने वाला यह आरोपी जमानत दिए जाने पर इस मामले के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेगा।
क्या था मामला : जून में कोट्टायम पुलिस को दी गई शिकायत में नन ने आरोप लगाया था कि मलक्कल ने मई 2014 में कुरविलांगड़ के एक गेस्ट हाउस में उनसे बलात्कार किया और बाद में कई मौकों पर उनका यौन शोषण किया। नन ने कहा कि चर्च के अधिकारियों ने जब पादरी के खिलाफ उनकी शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया तो उन्होंने पुलिस का रुख किया।