खरगे ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि भारत का राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। कोई भी देश जो गुटनिरपेक्षता की विचारधारा में अंतर्निहित हमारी समय की कसौटी पर कसी गई सामरिक स्वायत्तता की नीति के लिए भारत को मनमाने ढंग से दंडित करता है, वह भारत के मज़बूत ढांचे को नहीं समझता। सातवें बेड़े की धमकियों से लेकर परमाणु परीक्षणों के प्रतिबंधों तक, हमने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को आत्मसम्मान और गरिमा के साथ निभाया है।
खरगे के अनुसार ट्रंप ने 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की बात ऐसे समय कही है जब भारत की कूटनीति बहुत बुरी तरह लड़खड़ा रही है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी, जब ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने युद्धविराम में मध्यस्थता की है, तब आप चुप रहे। उन्होंने कम से कम 30 बार ऐसा दावा किया है और यह संख्या बढ़ती जा रही है।
उन्होंने दावा किया कि 30 नवंबर 2024 को ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी और उस समय प्रधानमंत्री मोदी वहां बैठे मुस्करा रहे थे, जबकि ट्रंप ने 'ब्रिक्स को मृत' कहा था। ट्रंप महीनों से जवाबी शुल्क की योजना बना रहे थे। हम सभी इसके बारे में जानते थे। आपने केंद्रीय बजट में कृषि, एमएसएमई और विभिन्न उद्योगों जैसे हमारे प्रमुख क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भारत का अमेरिका को निर्यात लगभग 7.51 लाख करोड़ रुपए (2024) है और 50 प्रतिशत का एकमुश्त शुल्क 3.75 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ डालेगा। हमारे कई क्षेत्र जैसे - एमएसएमई, कृषि, डेयरी इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रत्न एवं आभूषण, दवा उत्पादन और जैविक उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद और सूती कपड़े, सबसे ज़्यादा प्रभावित होंगे।