भारत को इसका भारी मूल्य चुकाना पड़ रहा है और इसने संप्रग की कईं वर्षों की कड़ी मेहनत पर पानी फेर दिया है तथा राज्यपाल शासन में और अधिक नुकसान उठाना पडेगा। अयोग्यता, हठी रवैया और नफरत हमेशा असफल रहती है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद बुधवार से ही राज्य में राज्यपाल शासन लग गया है।