सेना से राजनीति में आए जसवंतसिंह याद रखे जाएंगे इन बातों के लिए...

Webdunia
रविवार, 27 सितम्बर 2020 (10:04 IST)
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता रहे जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे वाजपेयी सरकार में वित्त, विदेश और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके थे। जसवंत सिंह से जुड़ी 7 खास बातें जिनके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा...

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-3 जनवरी 1938 को जसवंत सिंह का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले के गांव जसोल में राजपूत परिवार में हुआ। उन्होंने मेयो कॉलेज अजमेर से बीए, बीएससी करने के अलावा भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून और खड़गवासला से भी सैन्य प्रशिक्षण लिया। 
- जसवंत सिंह ने पहले सेना में रहकर देश सेवा की और बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। सिंह 1980 से 2014 तक सांसद रहे और इस दौरान उन्होंने संसद के दोनों सदनों का प्रतिनिधित्व किया।
-सेना से राजनीति में आए जसवंत सिंह उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जिन्हें भारत के रक्षामंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला।
-विदेशमंत्री के रूप में उन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने का भरसक प्रयास किया। 
-जसवंत सिंह के विदेश मंत्री काल में 4 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट नंबर IC-814 को हाईजैक करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को तीन आतंकी छोड़ने पड़े थे।
-1998 में परमाणु परीक्षण के समय जसवंत सिंह ने भारत की परमाणु नीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
-1999 में करगिल युद्ध के दौरान रक्षामंत्री के रूप में उनकी भूमिका अहम रही।
-2009 को भारत विभाजन पर उनकी किताब जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडेपेंडेंस पर खासा बवाल हुआ। नेहरू-पटेल की आलोचना और जिन्ना की प्रशंसा के लिए उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया। बाद में लालकृष्ण आडवाणी के प्रयासों से वे फिर पार्टी में वापसी करने में सफल रहे। 
-जसवंत सिंह अपनी नम्रता और नैतिकता के लिए जाने जाते थे। 
-जसवंत सिंह को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देश की सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने अनेक बार देश को विषम परिस्थितियों से बाहर निकाला।
 

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