विश्वास ने अपने ट्वीट में जिस सधी हुई भाषा का प्रयोग किया है, वह लोगों को पसंद नहीं आया और वे कुमार को ट्रोल करने लगे। डॉ. विष्णु राजगड़िया ने लिखा- कैसी थरथराहट है कवि की भाषा में! वीर रस का कवि इतना डरा-सहमा क्यों है? यह मामला ऐसे संतवचन का है? नर्सरी के बच्चों को समझाने चले हो? कल्पना करें, ऐसा कोई झूठा आरोप ही लग गया होता AAP पर, तो इस कवि की भाषा कैसे फुंफकार भर रही होती। सीधे केजरीवाल पर विषवर्षा करता, चिंघाड़ता!
शाहबाज अशरफी ने ट्वीट कर कहा- क्या बात है सर एकदम सेफ खेल रहे हैं। दीपक पांडे नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि कितने प्यार से समझा रहे हैं। शंकर दयाल नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि कुमार विश्वास जी, श्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा tv एंकर के विरुद्ध की गई टिप्पणी "तुम्हारी औकात क्या है?" के बाद आपको लगता है कि उनकी मानसिकता अराजकता के विरुद्ध लड़ने की है? यदि आपको ऐसा लगता है तो आपको बधाई, आप अब परिपक्व राजनेता बन गए हैं।