Smoke Paan खाने से 12 साल की बच्ची के पेट में छेद, लीकेज होता तो तय थी मौत, क्‍यों इतना खतरनाक है पान

ईशु शर्मा
मंगलवार, 21 मई 2024 (17:13 IST)
Liquid Nitrogen Paan
  • नाइट्रोजन Deep Tissue Burn करता है।
  • इसकी ठंडे तापमान के कारण सांस नली सिकुड़ती है।
  • कई लोगों को दम घुटने की परेशानी भी हो सकती है। 
Liquid Nitrogen Paan : नाइट्रोजन स्मोक पान, फायर पान, फलाना पान जैसे तमाम नामों से बाज़ारों में जहरीला कचरा बेचा जा रहा है। जो लोगों की हेल्‍थ के साथ जानलेवा खिलवाड़ कर रहा है। दुखद बात यह है कि इस तरह के जानलेवा खाद्य सामग्री को लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं और इसके लिए हजारों रुपए खर्च कर देते हैं। हाल ही में स्मोक पान का एक बेहद खतरनाक मामला सामने आया है। जिसमें एक 12 साल की बच्‍ची की जान जाते जाते रह गई। ALSO READ: ICMR का प्रोटीन सप्लीमेंट से बचने को लेकर अलर्ट, बताया क्‍या होती है हेल्दी डाइट?
 
पान खाने से बच्‍ची के पेट में छेद :
दरअसल, इस पान को बनाने के लिए लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पान से धुआं निकलता है। ऐसा ही पान 12 साल की इस बच्ची ने खाया था। पान खाने के बाद बच्ची के पेट में दर्द हुआ, जब दर्द असहनीय हुआ तो उसे अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को perforation peritonitis यानी पेट में छेद हो गया है। ALSO READ: भारत बना दुनिया का Cancer Capital, रिपोर्ट में सामने आए डराने वाले तथ्य
 
क्या है पूरा मामला : 
मामला अप्रैल का है, जब बेंगलुरु की रहने वाली 12 साल की बच्ची और उसके परिवार ने लिक्विड नाइट्रोजन पान का सेवन किया। पान खाने के बाद बच्ची के पेट में बहुत तेज दर्द हुआ और उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। इलाज के बाद पता चला कि पान खाने के कारण बच्ची के पेट में छेद हो गया है। यह जानने के बाद उसके परिजनों के पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। हालांकि गनीमत रहा कि बच्‍ची की जान बच गई। 
 
सर्जरी के बाद बच्‍ची ने बताई पीडा :
कई घंटों की सर्जरी के बाद बच्ची ने बताया कि 'स्मोक पान उसे बहुत आकर्षित कर रहा था इसलिए मैं उसे ट्राई करना चाहती थी। मेरे साथ ही सभी ने पान खाया। हालांकि किसी को इस तरह की पीडा से नहीं गुजरना पडा जो मुझे हुआ। मेरे पेट में असहनीय दर्द शुरू हो गया। 
सर्जरी से हटाना पडा पेट का एक हिस्सा :
पान खाने से बच्‍ची की हालत बहुत ज्‍यादा बिगड गई। उसकी जान बचाने के लिए डॉक्‍टरों को उसके पेट का एक हिस्‍सा ही रिमूव करना पडा। नारायण मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के परेटिंग सर्जन डॉ विजय के मुताबिक आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए सर्जरी जरूरी थी। 12 साल की बच्ची को को Intra-op OGD scopy और स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी के साथ एक एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी से गुजरना पड़ा। Intra-op OGD scopy एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक ट्यूब जिसमें एक कैमरा और लाइट होती है, उसका इस्‍तेमाल सर्जरी के दौरान छोटी आंत के पहले भाग की जांच करने के लिए किया जाता है। इसके बाद पेट का एक हिस्सा, जो लगभग 4x5 सेमी था उसे हटाया गया। 
 
ज़हर से कम नहीं नाइट्रोजन :
डायटीशन एवं न्यूट्रिशनिस्ट डॉ प्रीति शुक्ला
ने बताया कि 'नाइट्रोजन को नॉन टॉक्सिक माना जाता है, यानी इसका कोई बहुत बुरा प्रभाव देखने को नहीं मिला है, लेकिन सेहत के लिए यह बहुत नुकसानदायक है। नाइट्रोजन या ड्राई आइस का इस्तेमाल किसी भी तरह के खाने में नहीं होना चाहिए। इसका इस्तेमाल चीज़ों को ठंडा करने के लिए किया जाता है। नाइट्रोजन की ठंडी हवा के कारण 12 साल की बच्ची के पेट में छेद हो गया है। नाइट्रोजन Deep Tissue Burn करता है। बच्चों की आंतें नाज़ुक होती हैं जिसके कारण perforation peritonitis की संभावना बढ़ जाती है।
 
स्मोक पान से सिकुड़ी सांस नली :
डॉ प्रीति
के अनुसार स्मोक पान खाने से न सिर्फ पेट में छेद बल्कि सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इसकी ठंडे तापमान के कारण सांस नली सिकुड़ती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। इससे सांस पूरी तरह रुक भी सकती है। साथ ही कई लोगों को दम घुटने की परेशानी भी हो सकती है। 
 
बच्चों को पेट में छेद का खतरा ज्यादा :
कंसलटेंट फिजिशियन डॉ प्रशांत जैन
ने बताया कि बच्चों में perforation यानी पेट में छेद होने की संभावना ज्यादा है। इस तरह के मामले अभी तक बच्चों में ही देखें गए हैं, हालांकि एडल्ट भी इसका शिकार हो सकते हैं। peritonitis यानी नाइट्रोजन के सेवन के कारण पेट में सूजन की समस्या होना। अगर पेट में छेद के कारण किसी प्रकार का लीकेज होता है तो मौत भी हो सकती है। बच्चों की आंतें नाजुक होती हैं इसलिए बच्चों को स्मोक पान, बिस्कुट जैसी चीज़ों से दूर रहना चाहिए। 
 
नाइट्रोजन क्‍यों बैन नहीं करती सरकार?
यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग स्मोक पान को लेकर नाराज़गी जता रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर शिवम सिंह ने कमेंट कर कहा कि 'सरकार, खाने में नाइट्रोजन का इस्तेमाल बैन क्यों नहीं करती है। इससे कई लोगों की जान को खतरा है। ड्राई आइस और नाइट्रोजन का खाने में इस्तेमाल जल्द बैन होना चाहिए।'
 
वीडियो बनाने के लिए लोग कचरा भी खाने को तैयार हैं: 
प्रिया श्रीवास्तव ने कहा कि 'आज कल वीडियो बनाने के लिए लोग कचरा भी खाने को तैयार हैं। यह हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम सोच समझकर खाना खाएं। साधारण पान सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन इस तरह के केमिकल शरीर को बर्बाद करते हैं।'
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं: 
केस: 01
स्मोक बिस्कुट ने मासूम की ले ली जान :
पिछले महीने 18 अप्रैल को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक लड़के की स्मोक बिस्कुट खाने के दौरान मौत हो गई थी। बिस्कुट खाने के बाद बच्चे को तेज दर्द हुआ और उसकी मौत हो गई। यह मामला कर्नाटक के दावणगेरे का है जिसमें बच्चे ने स्मोक बिस्कुट खाया और उसकी तबीयत खराब हो गई। इलाज होने के बाद बच्चे की मौत हो गई। 
 
केस: 02 
ड्राई आइस खाने से खून की उल्टी: 
सोशल मीडिया पर गुड़गांव का यह मामला भी तेजी से वायरल हुआ था। गुड़गांव में पार्टी के दौरान ड्राई आइस वाले माउथ फ्रेशनर के सेवन से पांच लोगों को खून की उल्टियां होने लगीं। इसके बाद उनके मुंह में जलन भी होने लगी। घटना के कुछ दिनों बाद गुड़गांव रेस्तरां के प्रबंधक और ड्राई आइस परोसने वाली वेट्रेस को गिरफ्तार कर लिया गया था।
 
ड्राई आइस और लिक्विड नाइट्रोजन चीज़ों को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। डांस फ्लोर पर क्लाउड बनाने के लिए भी नाइट्रोजन का इस्तेमाल होता है। लेकिन इसका डायरेक्ट सेवन करना सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। ये सब मार्केटिंग और फैंसी चीज़ों को बढ़ावा देकर पैसे कमाने का नया तरीका है। इसलिए बाहर के खान पान से सतर्क रहें। 
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