फराह खान अली ने ट्वीट में लिखा है कि 'लालकृष्ण आडवाणी, जिसने अयोध्या में अपनी यात्रा के दौरान भारत को विभाजित करने की दिशा में आग लगा दी थी, उसके बाद बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया, जिसने भारत का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखा था, वह कुछ भी नहीं बल्कि एक बूढ़ा आदमी है जो टूटे हुए सपनों के साथ रहता है। जब आप अच्छा नहीं करते हैं तो आपके साथ भी अच्छा नहीं होता। #बुरा कर्म।’