Loksabha speaker election : पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बनने से देश में पहली बार लोकसभा स्पीकर चुनाव होने जा रहा है। सत्तारुढ़ राजग ने पूर्व लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस के सबसे अनुभवी के सुरेश विपक्ष के उम्मीदवार होंगे। लोकसभा में बुधवार सुबह 11 बजे वोटिंग से स्पीकर का फैसला होंगा।
पिछली लोकसभा में निचले सदन के अध्यक्ष रहे ओम बिरला ने राजग के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाने पर कांग्रेस सांसद कोडिकुनिल सुरेश ने इस पद के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन दाखिल कर दिया।
कोटा से भाजपा सांसद ओम बिरला के पास सदन चलाने का 5 साल का अनुभव है तो के सुरेश 8 बार सांसद रहे हैं। वे प्रोटेम स्पीकर पद के भी दावेदार था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आम सहमति बनाने की दिशा में पहल करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से
चर्चा की थी। इसके बाद राजनाथ सिंह की कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और द्रमुक नेता टीआर बालू से भी बात हुई। दोनों नेता राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर आ गए।
इससे बाद वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की प्रतिबद्धता नहीं जताई।
इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि ये किसी पक्ष का चुनाव नहीं होता, स्पीकर का पद पूरे सदन के लिए होता है। आजादी के बाद से मुझे नहीं याद कि इस तरीके से पद को लेकर चुनाव हो। जिस तरीके से विपक्ष की इस बार भूमिका रही है और शर्तों के साथ जिस तरीके से विपक्ष सामने आया है कि डिप्टी स्पीकर का पद पर सहमति करें। हम सब उस पर चर्चा के लिए तैयार थे पर उसके बावजूद उस पर अड़ना मुझे नहीं लगता कि ये उचित है। फिलहाल जीत सुनिश्चित है, उसमें कहीं कोई शंका की बात नहीं है।
इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेन्द्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।
उन्होंने संसद भवन परिसर में संवाददाताताओं से बातचीत में यह भी कहा था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समर्थन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को फोन किया था और फिर से फोन करने की बात की थी, लेकिन अब तक उनका फोन नहीं आया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की उम्मीद करते हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता का अपमान किया जा रहा है।