एसआईटी को उनके फोन से डिलीट डाटा रिकवर होने से भी कई सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के रहस्य सुलझाने में एसआईटी और सीबीआई लगी हुई है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, दोनों एजेंसियों की हरिद्वार के 2 बिल्डर और कुछ ऐसे लोगों पर भी इन एजेंसियों की नजर है जिनकी नरेंद्र गिरी से उस दिन बात हुई थी जिस दिन वे लटके मिले।
जांच एजेंसियां इस सवाल का जवाब तलाशने में लगी हैं कि नरेंद्र गिरि के लगातार संपर्क में रहने वाला हरिद्वार का वह व्यक्ति कौन था, जिसने उनको यह बताया कि आनन्द गिरि उनको बदनाम करने की योजना बना चुका है। जिसका जिक्र नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में भी है।
सुसाइड नोट में उल्लेख है कि हरिद्वार से आनंद गिरि एक महिला के साथ उनका फोटो एक-दो दिन में वायरल कर देगा। सूत्रों के मुताबिक वही व्यक्ति महंत नरेंद्र गिरि को आनंद गिरि की पल-पल की जानकारी साझा कर रहा था। एजेंसी यह भी खंगालने में जुटी है कि इस व्यक्ति को नरेंद्र गिरि को ऐसी सूचना साझा करने के पीछे क्या मंसूबा रहा था।
जहां नरेंद्र गिरी की मौत रहस्य बनी है वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में नए अध्यक्ष चुनने की भी कवायद तेज हो गई है। कहा गया है कि 5 अक्टूबर को नरेंद्र गिरि की षोडशी के बाद सभी 13 अखाड़ों की एक बैठक होगी। इसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा हो सकती है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने यह जानकारी हरिद्वार में दी।
देवेंद्र सिंह ने कहा कि नरेंद्र गिरि की मृत्यु की सूचना मिलते ही वे आधे घंटे बाद ही प्रयागराज पहुंच गए थे। जैसे ही वे प्रयागराज बाघम्बरी पीठ पहुंचे उन्होंने नरेंद्र गिरि को कमरे में नीचे लेटा हुआ पाया। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद उनका यह विश्वास है कि जल्दी ही नरेंद्र गिरि के हत्यारों का पता लग जाएगा। उन्होंने नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट को फर्जी बताया।