नई दिल्ली। मेजर आदित्य के पिता द्वारा दायर याचिका के जवाब में उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी कर फिलहाल कोई भी कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिए हैं।
आदित्य के पिता ने अपनी याचिका में कहा कि आदित्य ने हत्या नहीं कि वे तो अपनी ड्यूटी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों ने मेजर को मारने की कोशिश की थी। शीर्ष अदालत ने फिलहाल एफआईआर पर रोक लगा दी है कि साथ ही केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि शोपियां में गोलीबारी की घटना मामले में मेजर कुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी गैर कानूनी है। मामले को खारिज करने का आग्रह करते हुए मेजर कुमार के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह (सेवानिवृत्त) ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मेजर के पिता ने याचिका में कहा है कि उनके बेटे को प्राथमिकी में गलत ढंग से नामजद किया गया है।
सेना पर प्राथमिकी को लेकर जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का रुख अलग अलग है और यह देखना दिलचस्प रहेगा कि केंद्र और राज्य सरकार नोटिस का क्या जवाब देते हैं। उल्लेखनीय है कि 27 जनवरी को शोपियां के गनोवपोरा गांव में पथराव कर रही भीड़ पर सैन्यकर्मियों द्वारा के गोली चलाने से 2 आम पत्थरबाजों की मौत हो गई। इसके बाद मेजर आदित्य कुमार सहित गढ़वाल रायफल्स के 10 कर्मियों के खिलाफ रणबीर दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या की कोशिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।