2008 में हुए मालेगांव बम धमाके में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 9 साल से जेल में बंद लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को जमानत दे दी। नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं पुरोहित जो 9 साल बाद जेल से रिहा होंगे। इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को गिरफ्तार किया गया था।
18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान कर्नल पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि न्याय के हित में पुरोहित को जमानत मिलनी चाहिए। कर्नल पुरोहित का बम धमाके से कोई लिंक नहीं मिला है और अगर धमाके के आरोप हट जाते हैं तो अधिकतम सजा सात साल हो सकती है जबकि वह 9 साल से जेल में हैं।
पुरोहित की ओर से यह भी माना गया था कि वह अभिनव भारत संगठन की मीटिंग में गए थे, लेकिन वह सेना की जासूसी के लिए वहां गए थे। पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि उन्हें राजनीतिक क्रॉसफायर का शिकार बनाया गया है और ATS ने गलत तरीके से फंसाया है। जबकि NIA ने जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि कर्नल पुरोहित को जमानत देने का यह उचित समय नहीं है।
इससे पहले भी मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की जमानत रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वहीं NIA ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत का विरोध किया था। NIA ने अपने जवाब में कहा है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का मामला श्रीकांत पुरोहित से अलग है। NIA ने अपने जवाब में कहा था कि पुरोहित के खिलाफ कई सबूत एकत्रित किए गए है। दरअसल, कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने NIA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
गौरतलब है कि इसी साल 25 अप्रैल को 2008 के मालेगांव धमाका केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत मिल गई थी। हाईकोर्ट ने प्रज्ञा पर लगाई गई मकोका धारा को भी हटा दिया था, जिसके बाद मकोका के तहत जुटाए गए सबूत भी केस से निकाल दिए गए। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने कर्नल पुरोहित को जमानत देने से इंकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को 5 लाख रुपए की जमानत राशि और अपना पासपोर्ट NIA को जमा कराने और साथ ही ट्रायल कोर्ट में हर तारीख पर पेश होने के आदेश दिए थे। पीठ ने उसे सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और जब भी जरूरत हो एनआईए अदालत में रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पहली नजर में साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।