आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद मचा बवाल अभी तक थमा नहीं है। जूनियर डॉक्टर्स अभी तक काम पर वापस नहीं लौटे हैं। ऐसे में एक बार फिर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव की ओर से एक चिट्ठी जूनियर डॉक्टर्स को भेजी गई है। इसमें उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है। चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लेख किया गया है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने यहां आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना से उत्पन्न गतिरोध पर बातचीत के लिए बुधवार को आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों को आमंत्रित किया। सरकार ने उन्हें बुधवार शाम 6 बजे राज्य सचिवालय नबान्न में होने वाली बैठक में शामिल होने को कहा है।
डॉक्टरों ने भेजा जवाबी पत्र : इस बीच आंदोलनकारी चिकित्सकों ने जवाबी पत्र भेजकर मांग की कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मौजूद रहें और बैठक में 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को शामिल होने की अनुमति दी जाए। इससे पहले दिन में तीन बजकर 49 मिनट पर आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक ई-मेल भेजकर गतिरोध पर चर्चा के लिए समय मांगा था। जिसके जवाब में सरकार की ओर से उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करते हुए 12-15 प्रतिनिधियों के इसमें शामिल होने को कहा गया था।
राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने पत्र में कहा कि हम आपके प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित करते हैं, जिसमें 12-15 सहकर्मी शामिल हों, जो आज (बुधवार) शाम छह बजे नबान्न में चर्चा के लिए शामिल हों। कृपया अपने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की सूची ईमेल द्वारा भेजें। हम आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं और एक सार्थक बातचीत की उम्मीद करते हैं।
हालांकि, इसमें यह उल्लेख नहीं किया गया है कि बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी या नहीं। पंत ने यह भी कहा कि डॉक्टर मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने की समयसीमा के पालन से पहले ही चूक गए हैं। उन्होंने कहा, आप निसंदेह इस बात पर सहमति जताएंगे कि कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में इन निर्देशों का पालन करना हर किसी का कर्तव्य है। दुर्भाग्य से, अभी तक इसका पालन नहीं किया गया है।
पंत ने कहा कि उम्मीद है कि आप उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए तुरंत काम पर लौट आएंगे। राज्य सरकार की ओर से हम आपसे अपील करते हैं कि आप काम पर लौटें और आम लोगों को उचित उपचार प्रदान करें। इससे पहले एक जूनियर डॉक्टर ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा था कि वे मुख्य सचिव के निमंत्रण को लेकर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, नबान्न के निमंत्रण को स्वीकार करने या न करने का फैसला करने से पहले कई बिंदुओं पर चर्चा करने की जरूरत है। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक ई-मेल भेजकर पिछले महीने यहां सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद उत्पन्न गतिरोध पर चर्चा के लिए समय मांगा था।
एक डॉक्टर ने बताया कि अपने मेल में चिकित्सकों ने कहा कि वे किसी भी समय और कहीं भी बैठक के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पूरी चर्चा का सीधा प्रसारण किया जाए। एक जूनियर डॉक्टर ने पीटीआई से कहा कि हमने मुख्यमंत्री को बैठक के लिए पत्र लिखा है, जो आज या कल कभी भी और उनकी पसंद के अनुसार कहीं भी आयोजित की जा सकती है। लेकिन, बैठक का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग कार्यालय के बाहर 22 घंटे से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारी डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, राज्य के स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएचई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) को उनके पदों से हटाया जाए। 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना करते हुए, प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने न्याय की मांग को लेकर बुधवार को 33वें दिन भी काम बंद रखा। इनपुट भाषा