केजरीवाल ने शुक्रवार को मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि 17 जून को नीति आयोग की बैठक बुलाई गई है और दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते बैठक के लिए उन्हें भी निमंत्रण मिला है। राजनिवास कार्यालय में धरने में शामिल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बुधवार से और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मंगलवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं।
उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में पिछले तीन महीनों से नौकरशाह हड़ताल पर है जिसकी वजह से कई काम रुक गए हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल को खत्म कराने के लिए पिछले पांच दिनों से मैं और मेरे तीन मंत्री उपराज्यपाल निवास पर हड़ताल को खत्म करवाने के लिए बैठे हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
भाजपा नेताओं का आमरण अनशन : दूसरी ओर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, सांसद प्रवेश वर्मा और विधायक मनजिंदरसिंह सिरसा ने दिल्ली सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। इसके अलावा भाजपा विधायक जगदीश प्रधान और आम आदमी पार्टी (आप) से निलंबित विधायक भी धरने पर हैं। गुप्ता ने केजरीवाल और उनके तीन मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के राजनिवास पर धरने को गैर कानूनी और असंवैधानिक बताया है।
बहाना न बनाएं केजरीवाल : कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर धरना दे रहे मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की कार्य प्रणाली पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली की व्यवस्था को समझना चाहिए और काम नहीं करने का बहाना नहीं बनाना चाहिए।