खुद के मौन रहने के आरोपों पर पूर्व पीएम ने कहा कि 'लोग कहते हैं मैं मौन प्रधानमंत्री था. लेकिन मेरी किताब (चेंजिंग इंडिया) इस बारे में खुद बोलेगी। मैं कभी ऐसा पीएम नहीं था जो प्रेस से बात करने में घबराए। मैं नियमित रूप से प्रेस से मिलता था और हर विदेश यात्रा के बाद वापसी पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करता था।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और आरबीआई के संबंध ‘पति-पत्नी’ की तरह हैं और विचारों में मतभेद का समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान तालमेल के साथ काम कर सकें। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उसका समाधान इस रूप से होना चाहिए, जिससे दोनों संस्थान सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम कर सकें।