अख्तर ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि मैं नहीं मानता कि खुदा है और यदि है तो फिर बड़े शर्म की बात है कि उसके होते हुए दुनिया ऐसे चल रही है। बुरा न मानिए लेकिन हम कहते हैं कि मनमोहन सिंह के दौर में बड़े घोटाले हुए, ये हुआ, वो हुआ। लेकिन सोचिए, उनके गठबंधन के कुछ साथी भी थे, उनके अपने बॉस भी थे और उनकी कुछ मजबूरियां भी रहीं होंगी। लेकिन फिर भी उन्होंने सरकार चला ही ली... और यहां आप तो खुदा हैं, फिर भी दुनिया ऐसे चल रही है तो यकीन मानिए... ‘मनमोहन सिंह खुदा से बेहतर प्रशासक’ थे। (भाषा)